सेड़वा नोटबन्दी न्यूज़

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सेड़वा
- नोटबन्दी के बाद से सभी बैंकों में अधिक भीड़ भाड़ के चलते बैंक-व्यवस्थाएं लड़खड़ाने लगी थी, कुछ समय के पश्चात बैंक कर्मचारियों व लोगों के उचित सहयोग से व्यवस्थाएं सामान्य हो गई। वहीं हम सेड़वा की SBI बैंक की बात करें तो नोटबन्दी के दिन से लेकर आज तक वही स्थिति बनी हुई है, अनगिनत गरीब व लाचार लोग दूर दूर से परेशान हो कर सेड़वा पहुँचते हैं, और पूरा दिन लाइनों में लगे रहने के बावजूद  उनका कोई भी काम नहीं हो पाता है, जिसे देखते हुए डिजिटल_इम्पावरमेंट_फाउंडेशन के सूचना प्रेन्योर रतन लाल लोल व इकबाल खान ने लोगों की समस्याओं व बैंक की समस्याओं को प्रशासन व उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बैंक का जायजा लिया, बाहर खड़े लोगों ने बहुत सारी समस्याएं सुनाई जिसे सूचना प्रेन्योर्स ने सुना व अपने कैमरे में भी कैद किया,
लोगों ने जो समस्याएं सुनाई उनमें ज्यादातर निम्न समस्याओं वाले ही लोग थे-
1. हमारे खाते बन्द हो चुके हैं जिसकी हमने काफी दिनों से अर्जी लगा रखी है, फिर भी चालू नहीं हो रहे है।
2. खाते में PMAY के तहत साठ हजार रुपये की राशि आई हुई है, लेकिन खाते की लिमिट कम होने के कारण पैसे नहीं मिल रहे हैं, और लिमिट नहीं बढ़ रही है।
3. बैंक नया खाता खोलने पर पासबुक नहीं देती है और जिनके पास पासबुक है उनकी लेनदेन का स्टेटमेंट नहीं होता है,

इसके बाद सूचना प्रेन्योर्स बैंक मैनेजर के पास पहुंचे, बैंक मैनेजर ने समस्याएं सुनकर उनके हल व अपनी समस्याएं भी प्रस्तुत की, जो निम्नलिखित हैं-

बैंक की समस्याएं-
1. सबसे बड़ी समस्या- स्टाफ की कमी, मई में चीफ मैनेजर का ट्रांसफर हो गया जिससे बैंक का पूरा कार्यभार दो कर्मचारियों पर आ गया।
2. सिक्योरिटी गार्ड की कमी- सिक्योरिटी गार्ड न होने की वजह से लोगों को हैंडल करना बहुत मुश्किल है, इसी वजह से एटीएम भी बंद रहता है।
3. पूरे भारत में अन्य बैंको की तुलना में सबसे ज्यादा जनधन अकाउंट सेड़वा शाखा में है, ऐसी स्थिति में स्टाफ की कमी होना सबसे बड़ी प्रॉब्लम है।

समस्याओं के हल व सुझाव जो बैंक मैनेजर ने बताए-
1. दलालों के चक्कर में न आएं- बैंक मैनेजर ने सबसे ज्यादा इस मुद्दे पर जोर दिया कि दलालों के चक्कर में आकर खाता धारक कनफ्यूज हो रहे हैं, और बताया कि कोई भी व्यक्ति दलालों के चक्कर में न आकर सीधा बैंक से सम्पर्क करें या किसी पढ़े लिखे व्यक्ति से सलाह लेकर काम करें।
2. बहुत सारे लोगों के अकाउंट में 0 बैलेंस है, जो न्यूनतम सीमा से बहुत कम है और 6 महीनों से कोई लेनदेन नहीं की गई है, इसी वजह से खाते अपडेट नहीं हो पाते हैं और बन्द हो जाते हैं।
3. बैंक के कामकाज को सुव्यवस्थित रखने के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर पर एक BC लगाया गया है, लेकिन BC पैसे लूटने के चक्कर में सेड़वा बैंक के आगे दुकानें रखकर बैठे है और लोगों की मजबूरियों का फायदा उठा रहे हैं।
4. दलालों के चक्कर में आकर कई लोगों के खाते डबल हो गए हैं, जिससे लोगों व कर्मचारियों दोनों को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
5. नियमानुसार खाते में कम से कम एक हजार रुपए होने चाहिए और 6 महीने में एक बार लेनदेन अवश्य करें।
6. जिन ग्राम पंचायतों में BC नियुक्त हैं उनको बैंक ने नोटिस दिया है, फिर भी वे ग्राम पंचायत में बैठ कर लोगों का काम नहीं कर रहे हैं उनकी बैंक में शिकायत करें, जल्द ही कार्यवाही होगी।
7. बैंक मैनेजर ने KCC खाता धारकों के लिए यह निर्देश दिया है कि आप किसी अन्य व्यक्ति या दलाल के झांसे में न आकर अपना पैसा बर्बाद न करें, सीधा बैंक केशियर से मिलें।
8. जिनके खाते बन्द है या लिमिट बढ़ानी है उनके लिए यह निर्देश दिए कि उनको कहीं भटकने की जरूरत नहीं है बैंक अपने नियमानुसार कार्यवाही कर रही है, लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से काम धीरे होता है,

इसके बाद सूचना प्रिन्योर्स रतन लाल व इकबाल खान ने लोगों को ये बातें समझाई तो कुछ लोग सन्तुष्ट हो गए।
फिर सूचना प्रिन्योर्स ने पत्रकार से सम्पर्क किया तो पत्रकार ने सलाह दी कि यहां से कई बार मैंने न्यूज़ दे दी है इससे कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। आप इसकी अपील लेकर जिला कलक्टर को पेश करें,
सूचना प्रेन्योर्स पत्रकार की सलाह के अनुसार अपील लेकर जिला कलक्टर के पास जाने के लिए तैयार हो गए हैं,
सूचना प्रेन्योर्स की इतनी मेहनत से अगर बैंक में नया स्टाफ आता है तो बैंक कर्मचारियों व लोगों की समस्याएं काफी हद तक कम हो जाएंगी।

जिला कलेक्टर की तरफ से क्या जवाब मिलता है वो अगली पोस्ट में.....

✍ सूचना प्रेन्योर - इकबाल_खान
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